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स्वाभिमान योजना: दादरा नगर हवेली और दमन दीव की पहल

स्वाभिमान योजना: दादरा नगर हवेली और दमन दीव की पहल

स्वाभिमान योजना क्या है?

दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश की सरकार ने महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है, जिसे स्वाभिमान योजना (Swabhimaan Yojana) कहा जाता है। यह योजना कुपोषण (malnutrition), एनीमिया (anemia), और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इसे 25 फरवरी 2018 को दमन में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा और 20 अप्रैल 2018 को दादरा और नगर हवेली में माननीय गृह मंत्री द्वारा लॉन्च किया गया। इस योजना का मुख्य लक्ष्य गर्भवती महिलाओं (pregnant women), स्तनपान कराने वाली माताओं (lactating mothers), और किशोरियों (adolescent girls) को पोषण सहायता प्रदान करना है ताकि उनकी सेहत में सुधार हो सके।

स्वाभिमान योजना (Swabhimaan Yojana) एक ऐसी पहल है जो एकीकृत बाल विकास सेवा (Integrated Child Development Services - ICDS) पर आधारित है, जो भारत सरकार द्वारा संचालित की जाती है। यह योजना केंद्र शासित प्रदेश की महिलाओं और बच्चों की चिंताजनक पोषण स्थिति को देखते हुए शुरू की गई थी। इसके तहत हर महीने पात्र लाभार्थियों को 7.5 किलोग्राम पौष्टिक आहार (nutritious ration) घर ले जाने के लिए दिया जाता है।

स्वाभिमान योजना का उद्देश्य

स्वाभिमान योजना का मुख्य उद्देश्य कुपोषण और एनीमिया जैसी

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समस्याओं को जड़ से खत्म करना है। दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव में महिलाओं और बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए सरकार ने इस योजना को एक प्रभावी हथियार के रूप में चुना। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि गर्भवती महिलाएं, दूध पिलाने वाली माताएं, और 11-14 साल की किशोरियां (adolescent girls) स्वस्थ रहें और उन्हें आवश्यक पोषण मिले।

इसके अलावा, यह योजना मातृ स्वास्थ्य (maternal health) और बाल विकास (child development) को बढ़ावा देने के लिए भी काम करती है। सरकार का मानना है कि स्वस्थ मां और बच्चे समाज की नींव होते हैं, और स्वाभिमान योजना इस दिशा में एक बड़ा कदम है।

स्वाभिमान योजना की विशेषताएं

पात्रता मानदंड

स्वाभिमान योजना के तहत लाभ लेने के लिए कुछ पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं। यह योजना केवल दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव के स्थायी निवासियों के लिए है। इसके लाभार्थी निम्नलिखित हैं:

  1. गर्भवती महिलाएं (Pregnant Women)
  2. स्तनपान कराने वाली माताएं (Lactating Mothers)
  3. 11-14 साल की किशोरियां (Adolescent Girls)

यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह योजना केवल इन तीन श्रेणियों के लिए है। अन्य महिलाएं या पुरुष इस योजना के तहत लाभ नहीं ले सकते।

प्रदान की जाने वाली सहायता

इस योजना के तहत हर महीने लाभार्थियों को 7.5 किलोग्राम पौष्टिक आहार (nutritious ration) दिया जाता है। यह राशन हर महीने एक निश्चित दिन पर आंगनवाड़ी केंद्रों (Anganwadi Centers) के माध्यम से वितरित किया जाता है। यह आहार विशेष रूप से कुपोषण और एनीमिया से लड़ने के लिए तैयार किया गया है ताकि लाभार्थियों की सेहत में सुधार हो सके।

आवेदन प्रक्रिया

स्वाभिमान योजना में शामिल होने के लिए लाभार्थियों को एक आसान प्रक्रिया का पालन करना होता है। नीचे इसके चरण दिए गए हैं:

  1. नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र पर जाएं या सामाजिक कल्याण विभाग (Social Welfare Department) से संपर्क करें।
  2. आंगनवाड़ी केंद्र से नामांकन फॉर्म (enrollment form) प्राप्त करें।
  3. फॉर्म भरें और जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र संलग्न करें।
  4. भरा हुआ फॉर्म आंगनवाड़ी केंद्र में जमा करें।
  5. नामांकन सफल होने के बाद लाभ शुरू हो जाएगा।

यह प्रक्रिया सरल और पारदर्शी है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें।

स्वाभिमान योजना के लाभ

स्वाभिमान योजना (Swabhimaan Yojana) के कई लाभ हैं जो इसे एक प्रभावी योजना बनाते हैं। कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:

  1. कुपोषण में कमी: यह योजना कुपोषण (malnutrition) को कम करने में मदद करती है, जो इस क्षेत्र में एक बड़ी समस्या है।
  2. एनीमिया पर नियंत्रण: पौष्टिक आहार से एनीमिया (anemia) की समस्या में कमी आती है, खासकर महिलाओं और किशोरियों में।
  3. मातृ स्वास्थ्य में सुधार: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को बेहतर पोषण मिलने से उनकी सेहत मजबूत होती है।
  4. बाल विकास: स्वस्थ माताओं से जन्मे बच्चे भी स्वस्थ होते हैं, जिससे भविष्य की पीढ़ी मजबूत बनती है।

इन लाभों के कारण यह योजना न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि सामाजिक स्तर पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल रही है।

स्वाभिमान योजना का प्रभावित क्षेत्र

यह योजना दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव के सभी क्षेत्रों में लागू है। यह केंद्र शासित प्रदेश चार अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों - दादरा, नगर हवेली, दमन, और दीव - से मिलकर बना है। इन सभी क्षेत्रों में आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से योजना को लागू किया जा रहा है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लाभार्थियों तक यह योजना पहुंचे।

अधिक जानकारी के लिए आप आधिकारिक वेबसाइट ddd.gov.in पर जा सकते हैं, जहां योजना से संबंधित नवीनतम अपडेट उपलब्ध हैं।

स्वाभिमान योजना में भागीदारी की प्रक्रिया

इस योजना में भाग लेना बेहद आसान है। कोई भी पात्र महिला या किशोरी अपने नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र पर जाकर नामांकन कर सकती है। इसके लिए किसी जटिल प्रक्रिया की जरूरत नहीं है। बस कुछ बुनियादी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र लेकर केंद्र पर जाना होगा। वहां मौजूद कर्मचारी आपकी मदद करेंगे और नामांकन प्रक्रिया को पूरा करेंगे।

नामांकन के बाद, हर महीने एक निश्चित दिन पर आपको अपना राशन मिलेगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई लाभार्थी छूट न जाए, सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया है।

स्वाभिमान योजना से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

योजना का इतिहास

स्वाभिमान योजना को पहली बार 2018 में शुरू किया गया था। यह योजना उस समय शुरू हुई जब सरकार ने इस क्षेत्र में कुपोषण और एनीमिया की गंभीर स्थिति को देखा। इसे ICDS के साथ जोड़कर लागू किया गया ताकि पहले से मौजूद ढांचे का उपयोग हो सके।

सरकारी सहयोग

यह योजना भारत सरकार के सहयोग से चलाई जा रही है। केंद्र सरकार ने इसके लिए फंडिंग और तकनीकी सहायता प्रदान की है, जबकि स्थानीय प्रशासन इसके कार्यान्वयन की जिम्मेदारी संभाल रहा है।


स्वाभिमान योजना (Swabhimaan Yojana) एक सराहनीय कदम है जो दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर करने की दिशा में काम कर रहा है। योजना की सादगी और प्रभावशीलता इसे खास बनाती है। यह न केवल कुपोषण और एनीमिया जैसी समस्याओं को संबोधित करती है, बल्कि समाज में जागरूकता भी फैलाती है।

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