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समग्र शिक्षा अभियान: शिक्षा का नया युग

समग्र शिक्षा अभियान: शिक्षा का नया युग

समग्र शिक्षा अभियान क्या है?

समग्र शिक्षा अभियान (Samagra Shiksha Abhiyan) भारत सरकार की एक व्यापक शिक्षा योजना है। इसे 24 मई 2018 को शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य स्कूल शिक्षा को प्री-स्कूल से 12वीं कक्षा तक एकीकृत और गुणवत्तापूर्ण बनाना है। यह योजना सर्व शिक्षा अभियान (SSA), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) और शिक्षक शिक्षा को मिलाकर बनाई गई है। Samagra Shiksha Abhiyan शिक्षा के क्षेत्र में एक नया युग लाने का प्रयास है।

समग्र शिक्षा अभियान का उद्देश्य

इसका मुख्य लक्ष्य 2030 तक सभी बच्चों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। यह शिक्षा में समानता, पहुंच और उत्कृष्टता को बढ़ाना चाहता है। इसका मकसद ड्रॉपआउट दर कम करना और शिक्षकों को प्रशिक्षण देना है।

शिक्षा में समानता

यह योजना गरीब, लड़कियों और वंचित वर्गों को शिक्षा से जोड़ती है। यह शिक्षा के अधिकार को साकार करती है।

समग्र शिक्षा अभियान की मुख्य विशेषताएं

इस योजना की कुछ खास विशेषताएं हैं:

  1. प्री-स्कूल से 12वीं तक एकीकृत शिक्षा।
  2. शिक्षक प्रशिक्षण पर जोर।
  3. डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा।
  4. 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का बजट।

Samagra Shiksha Abhiyan को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) ने लागू किया।

लाभ और प्रभाव

इस योजना से शिक्षा में सुधार हुआ। 2023 तक, लाखों बच्चों को स्कूल से जोड़ा गया और ड्रॉपआउट दर घटी। उदाहरण के

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लिए, राजस्थान और मध्य प्रदेश में स्कूलों की स्थिति बेहतर हुई।

शिक्षा की गुणवत्ता

शिक्षकों के प्रशिक्षण से पढ़ाई का स्तर बढ़ा। डिजिटल बोर्ड और किताबों से बच्चों का रुझान बढ़ा।

सामाजिक प्रभाव

लड़कियों और गरीब बच्चों की शिक्षा से समाज में बदलाव आया।

भागीदारी कैसे करें?

इस योजना का लाभ लेने के लिए:

  1. नजदीकी स्कूल में संपर्क करें।
  2. बच्चों का नामांकन कराएं।
  3. शिक्षा विभाग से जानकारी लें।
  4. डिजिटल कक्षाओं में शामिल हों।

अधिक जानकारी के लिए समग्र शिक्षा की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

प्रमुख क्षेत्र और कार्यान्वयन

यह योजना शिक्षा, सामाजिक कल्याण और रोजगार को प्रभावित करती है। इसे शिक्षा मंत्रालय और राज्य सरकारों ने लागू किया।

विश्लेषण

समग्र शिक्षा अभियान ने शिक्षा को एक नई दिशा दी। यह गुणवत्ता और समानता में सुधार लाया। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमी चुनौती है। फिर भी, यह योजना शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है।

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