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पोषण अभियान: कुपोषण से मुक्ति

पोषण अभियान: कुपोषण से मुक्ति

पोषण अभियान क्या है?

पोषण अभियान (Poshan Abhiyan), जिसे राष्ट्रीय पोषण मिशन (National Nutrition Mission) के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार की एक कुपोषण विरोधी योजना है। इसे 8 मार्च 2018 को राजस्थान के झुंझुनू से शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य बच्चों, गर्भवती महिलाओं और किशोरियों में कुपोषण को कम करना है। यह योजना पोषण के स्तर को सुधारकर स्वस्थ भारत बनाने की दिशा में काम करती है। Poshan Abhiyan कुपोषण से मुक्ति का एक राष्ट्रीय संकल्प है।

पोषण अभियान का उद्देश्य

इसका मुख्य लक्ष्य 2022 तक कुपोषण की दर को कम करना है। यह बच्चों में स्टंटिंग (बौनापन) को 25% तक, अंडरवेट को 2% सालाना और एनीमिया को 3% सालाना कम करना चाहता है। इसका मकसद पोषण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना है।

पोषण का महत्व

कुपोषण बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को रोकता है। यह योजना इसे खत्म कर स्वस्थ पीढ़ी बनाना चाहती है।

पोषण अभियान की मुख्य विशेषताएं

इस योजना की कुछ खास विशेषताएं हैं:

  1. 0-6 साल के बच्चों पर फोकस।
  2. पोषण ट्रैकर ऐप।
  3. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण।
  4. 3,000 करोड़ रुपये का बजट।

Poshan Abhiyan को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने लागू किया।

लाभ और प्रभाव

इस योजना से कुपोषण में कमी आई। 2023 तक, स्टंटिंग और एनीमिया के मामलों

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में सुधार हुआ। उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों को पोषक आहार मिला।

स्वास्थ्य सुधार

पोषण से बच्चों का विकास बेहतर हुआ और बीमारियां कम हुईं।

जागरूकता

माता-पिता पोषण के प्रति जागरूक हुए और बच्चों की देखभाल बढ़ी।

भागीदारी कैसे करें?

इस योजना का लाभ लेने के लिए:

  1. नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र जाएं।
  2. बच्चों का पंजीकरण कराएं।
  3. पोषण ट्रैकर ऐप डाउनलोड करें।
  4. जागरूकता अभियानों में हिस्सा लें।

अधिक जानकारी के लिए पोषण अभियान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

प्रमुख क्षेत्र और कार्यान्वयन

यह योजना स्वास्थ्य, पोषण और सामाजिक कल्याण को प्रभावित करती है। इसे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और राज्य सरकारों ने लागू किया।

विश्लेषण

पोषण अभियान ने कुपोषण के खिलाफ जंग को मजबूत किया। यह बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार लाया। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच और संसाधनों की कमी चुनौतियां हैं। फिर भी, यह योजना स्वस्थ भारत के लिए एक बड़ा कदम है।

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