Place for ads
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना (Mukhyamantri Saur Swarozgar Yojana) उत्तराखंड सरकार की एक नवाचारी योजना है, जिसे 2020 में शुरू किया गया। इसका उद्देश्य सौर ऊर्जा के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर पैदा करना और राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाना है। यह योजना युवाओं को सोलर पावर प्लांट स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
Mukhyamantri Saur Swarozgar Yojana के तहत सरकार 25 किलोवाट तक के सौर संयंत्र लगाने के लिए ऋण और तकनीकी सहायता प्रदान करती है। यह योजना पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन दोनों को ध्यान में रखती है।
इस योजना के कुछ प्रमुख लक्ष्य हैं:
यह योजना उत्तराखंड की ऊर्जा नीति का हिस्सा है और इसे राष्ट्रीय सौर मिशन के साथ जोड़ा गया है।
इस योजना में 70% तक ऋण बैंकों से उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें सरकार ब्याज सब्सिडी देती है। प्रोजेक्ट लागत लगभग 10 लाख रुपये होती है।
25 किलोवाट का सौर संयंत्र लगाने के लिए 800 वर्ग फीट जमीन की जरूरत होती है। यह बिजली उत्पादन के बाद ग्रिड से जोड़ा जाता है।
Place for ads
उत्पादित बिजली को सरकार 25 साल तक खरीदती है, जिससे लाभार्थी को नियमित आय होती है।
योजना के लाभ इस प्रकार हैं:
अब तक सैकड़ों सौर संयंत्र लगाए जा चुके हैं।
भाग लेने के लिए यहाँ कदम दिए गए हैं:
विस्तृत जानकारी के लिए uk.gov.in देखें।
यह योजना पूरे राज्य में लागू है, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों जैसे चमोली, पिथौरागढ़ और टिहरी पर विशेष ध्यान है।
UREDA और बैंकों के सहयोग से यह योजना चल रही है। इसके लिए विशेष फंड आवंटित किया गया है।
2023 तक, 500 से अधिक सौर संयंत्र स्थापित हो चुके हैं।
Mukhyamantri Saur Swarozgar Yojana स्वच्छ ऊर्जा और रोजगार को जोड़ती है। यह ग्रामीण युवाओं के लिए एक स्थायी आय का स्रोत बन रही है।
यह योजना मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से अलग है, क्योंकि इसका फोकस सिर्फ सौर ऊर्जा पर है।
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना पर्यावरण और रोजगार के लिए एक बेहतरीन पहल है। यह न केवल आय देती है, बल्कि ऊर्जा संकट को भी हल करती है। हालाँकि, जमीन की उपलब्धता और तकनीकी जानकारी की कमी कुछ चुनौतियाँ हैं। सरकार को इसे और प्रभावी बनाने के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता पर जोर देना चाहिए।
Place for ads