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मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान: छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त बनाने की पहल

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान: छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त बनाने की पहल

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान क्या है?

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू किया गया मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान (Mukhyamantri Suposhan Abhiyan) एक व्यापक स्वास्थ्य और पोषण कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य राज्य को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करना है। यह अभियान बच्चों, गर्भवती महिलाओं, और किशोरियों को पौष्टिक आहार प्रदान करने पर केंद्रित है ताकि उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति में सुधार हो सके। योजना का लक्ष्य समाज के सबसे कमजोर वर्गों तक पहुंचना और उनके स्वास्थ्य को मजबूत करना है।

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को 2 अक्टूबर 2019 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने शुरू किया था, और यह आज भी छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुधार की एक प्रमुख पहल बनी हुई है। Mukhyamantri Suposhan Abhiyan ने लाखों परिवारों के जीवन में बदलाव लाया है और कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में एक मॉडल के रूप में उभरा है।

अभियान का उद्देश्य

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान (Mukhyamantri Suposhan Abhiyan) के पीछे कई महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं, जो स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण से जुड़े हैं:

  1. कुपोषण उन्मूलन: बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की दर को कम करना।
  2. एनीमिया पर नियंत्रण: खासकर गर्भवती महिलाओं और किशोरियों में खून की कमी को दूर करना।
  3. स्वास्थ्य जागरूकता: पोषण के महत्व के बारे में लोगों को शिक्षित करना।
  4. सामुदायिक भागीदारी: स्थानीय समुदायों को शामिल कर स्थायी समाधान विकसित करना।

यह अभियान न केवल

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स्वास्थ्य सुधार पर ध्यान देता है, बल्कि भावी पीढ़ियों को मजबूत बनाने में भी योगदान देता है।

अभियान की मुख्य विशेषताएं

पौष्टिक आहार वितरण

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मुफ्त पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है। इसमें प्रोटीन युक्त भोजन जैसे दाल, सोया, और अंडे शामिल हैं।

स्वास्थ्य जांच और सप्लीमेंट्स

अभियान में नियमित स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जाते हैं, जहां बच्चों और महिलाओं की स्थिति की निगरानी की जाती है। आयरन, फोलिक एसिड, और विटामिन सप्लीमेंट्स भी मुफ्त प्रदान किए जाते हैं।

सामुदायिक भागीदारी

इस अभियान में महिला स्व-सहायता समूह (SHGs) और स्थानीय संगठनों को शामिल किया गया है। वे भोजन तैयार करने और जागरूकता फैलाने में मदद करते हैं।

लाभ और प्रभावित क्षेत्र

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का लाभ छत्तीसगढ़ के सभी 27 जिलों में फैला है। यह अभियान विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में प्रभावी है, जहां कुपोषण की दर अधिक थी। बस्तर, सरगुजा, और कोरबा जैसे क्षेत्रों में बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है।

इस अभियान से बच्चों का वजन बढ़ा है, स्कूल ड्रॉपआउट दर में कमी आई है, और गर्भवती महिलाओं में प्रसव संबंधी जटिलताएं कम हुई हैं। यह सामाजिक और आर्थिक विकास की नींव भी मजबूत करता है।

भाग लेने की प्रक्रिया

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में भागीदारी स्वचालित रूप से होती है, क्योंकि यह लक्षित समूहों के लिए सरकार द्वारा संचालित है। फिर भी, लाभ लेने के लिए कुछ कदम हैं:

  1. पंजीकरण: स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों और महिलाओं का नाम दर्ज करें।
  2. स्वास्थ्य जांच: नियमित जांच के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से संपर्क करें।
  3. लाभ प्राप्ति: पौष्टिक भोजन और सप्लीमेंट्स नियमित रूप से वितरित किए जाते हैं।

अधिक जानकारी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की आधिकारिक वेबसाइट cgstate.gov.in पर जाएं।

अभियान से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को केंद्र सरकार की पोषण अभियान (POSHAN Abhiyaan) और आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat) योजनाओं के साथ जोड़ा गया है। अब तक 20 लाख से अधिक बच्चे और 5 लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।

सरकार ने इस अभियान के लिए विशेष बजट आवंटित किया है और समय-समय पर इसकी प्रगति की समीक्षा की जाती है। इसके अलावा, जागरूकता के लिए ग्राम सभाओं और रेडियो कार्यक्रमों का भी उपयोग किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान (Mukhyamantri Suposhan Abhiyan) छत्तीसगढ़ में कुपोषण के खिलाफ एक मजबूत कदम है। यह अभियान बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार लाने में सफल रहा है और राज्य को कुपोषण मुक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ा रहा है। पौष्टिक आहार और स्वास्थ्य जांच जैसी सुविधाएं समाज के सबसे कमजोर वर्गों तक पहुंच रही हैं

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