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लखपति बैदेव योजना - ग्रामीण उद्यमिता

लखपति बैदेव योजना - ग्रामीण उद्यमिता

लखपति बैदेव योजना क्या है?

लखपति बैदेव योजना (Lakhpati Baideo Yojana) असम सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें उद्यमिता के अवसर प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है। इस योजना का उद्घाटन मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने 2024 में किया था, और इसका लक्ष्य स्वयं सहायता समूहों (Self-Help Groups - SHGs) से जुड़ी 40 लाख महिलाओं को "लखपति" बनाना है, यानी उनकी वार्षिक आय को कम से कम 1 लाख रुपये तक पहुंचाना। योजना के तहत प्रत्येक पात्र महिला को 35,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसमें 10,000 रुपये अनुदान और 25,000 रुपये ब्याज मुक्त ऋण के रूप में शामिल हैं।

असम में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह योजना एक बड़ा कदम है। यह महिलाओं को छोटे व्यवसाय शुरू करने, जैसे कि हस्तशिल्प, पोल्ट्री फार्मिंग, बुनाई, और खाद्य प्रसंस्करण, के लिए प्रोत्साहित करती है। लखपति बैदेव योजना न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है, बल्कि सामाजिक बदलाव का भी माध्यम बन रही है, क्योंकि यह ग्रामीण महिलाओं को परिवार और समाज में सम्मान दिलाने में मदद करती है।

लखपति बैदेव योजना की विशेषताएं

लखपति बैदेव योजना की कई

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खास विशेषताएं इसे ग्रामीण महिलाओं के लिए उपयोगी और प्रभावी बनाती हैं। पहली विशेषता यह है कि यह योजना स्वयं सहायता समूहों पर केंद्रित है। असम में लगभग 3.9 लाख SHGs हैं, जिनमें 40 लाख से अधिक महिलाएं शामिल हैं, और यह योजना इन्हीं महिलाओं को लक्षित करती है। दूसरी बात, प्रत्येक महिला को 35,000 रुपये की सहायता दी जाती है, जिसमें 10,000 रुपये अनुदान के रूप में मुफ्त मिलते हैं, और 25,000 रुपये ब्याज मुक्त ऋण के रूप में दिए जाते हैं, जिसे 3 साल में चुकाना होता है।

तीसरी विशेषता यह है कि यह योजना विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देती है। महिलाएं इस राशि का उपयोग अपने कौशल के आधार पर व्यवसाय शुरू करने में कर सकती हैं, जैसे कि मुर्गी पालन, मछली पालन, बागवानी, या छोटे पैमाने पर विनिर्माण। इसके अलावा, सरकार ने इस योजना के लिए 1200 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जो इसे एक बड़े पैमाने की योजना बनाता है। योजना के तहत प्रशिक्षण और मार्केटिंग सहायता भी प्रदान की जाती है ताकि महिलाएं अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक चला सकें।

योजना का उद्देश्य

लखपति बैदेव योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और उनकी आय को 1 लाख रुपये प्रति वर्ष तक बढ़ाना है। यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, गरीबी को कम करने, और महिलाओं को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने की दिशा में काम करती है। सरकार का मानना है कि यदि महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, तो वे अपने परिवारों की शिक्षा, स्वास्थ्य, और जीवन स्तर को बेहतर बना सकेंगी। इसके साथ ही, यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देकर स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा करती है।

लखपति बैदेव योजना के लाभ

लखपति बैदेव योजना के कई लाभ हैं जो ग्रामीण महिलाओं और उनके समुदायों के लिए फायदेमंद हैं। पहला लाभ यह है कि यह योजना महिलाओं को वित्तीय सहायता देकर उन्हें अपना व्यवसाय शुरू करने का मौका देती है। उदाहरण के लिए, एक महिला इस राशि से मुर्गी पालन शुरू कर सकती है और अपनी आय को बढ़ा सकती है। दूसरा, यह योजना महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ाती है। जब वे अपने व्यवसाय से कमाई शुरू करती हैं, तो उनकी समाज में स्थिति मजबूत होती है।

तीसरा लाभ यह है कि यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देती है। जब महिलाएं अपने व्यवसाय से कमाई करती हैं, तो वे उस पैसे को स्थानीय बाजारों में खर्च करती हैं, जिससे आर्थिक चक्र तेज होता है। Lakhpati Baideo Yojana ने ग्रामीण महिलाओं को यह एहसास दिलाया है कि वे भी अपने परिवार और समाज के लिए योगदान दे सकती हैं। इसके अलावा, यह योजना गरीबी उन्मूलन और लैंगिक समानता जैसे बड़े लक्ष्यों को हासिल करने में भी मदद कर रही है।

पात्रता मानदंड

लखपति बैदेव योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ पात्रता मानदंड पूरे करने जरूरी हैं। इनमें शामिल हैं:

  1. आवेदक असम की स्थायी निवासी होनी चाहिए।
  2. यह योजना केवल महिलाओं के लिए है।
  3. महिला किसी स्वयं सहायता समूह (SHG) की सक्रिय सदस्य होनी चाहिए।
  4. आवेदक के पास आधार कार्ड और बैंक खाता होना चाहिए।
  5. महिला को अपने व्यवसाय के लिए एक योजना प्रस्तुत करनी होगी।

ये मानदंड सुनिश्चित करते हैं कि योजना का लाभ केवल जरूरतमंद और सक्रिय महिलाओं तक पहुंचे।

आवेदन प्रक्रिया

लखपति बैदेव योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल और पारदर्शी है। इच्छुक महिलाएं अपने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से आवेदन कर सकती हैं। आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होते हैं:

  1. आधार कार्ड
  2. निवास प्रमाण पत्र
  3. SHG सदस्यता प्रमाण
  4. बैंक खाता विवरण
  5. व्यवसाय योजना का विवरण

आवेदन जमा करने के बाद, जिला स्तर पर अधिकारियों द्वारा सत्यापन किया जाता है। स्वीकृति मिलने पर, अनुदान और ऋण की राशि सीधे महिला के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। अधिक जानकारी के लिए असम सरकार की आधिकारिक वेबसाइट asrlms.assam.gov.in पर जाकर देखा जा सकता है, जो असम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से संबंधित है।

योजना का प्रभाव

लखपति बैदेव योजना का असम के ग्रामीण क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव देखा जा रहा है। शुरू होने के बाद से हजारों महिलाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है और अपने छोटे व्यवसाय शुरू किए हैं। उदाहरण के लिए, कई महिलाओं ने इस राशि से बुनाई के यंत्र खरीदे हैं या पोल्ट्री फार्म शुरू किए हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई है। सरकार का दावा है कि पहले साल में ही 40 लाख SHG महिलाओं में से लाखों को लाभ मिलेगा।

इसके साथ ही, यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा दे रही है। महिलाओं की कमाई से उनके बच्चों की शिक्षा और परिवार के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ रहा है। यह योजना सामाजिक बदलाव का भी एक माध्यम बन रही है, क्योंकि अब ग्रामीण महिलाएं अपने परिवारों में निर्णय लेने में अधिक सक्रिय हो रही हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की आर्थिक भागीदारी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।


लखपति बैदेव योजना असम सरकार की एक दूरदर्शी पहल है जो ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने और गरीबी उन्मूलन की दिशा में काम कर रही है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह महिलाओं को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करती है और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाती है।

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