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सौर सुजला योजना: छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा की रोशनी

सौर सुजला योजना: छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा की रोशनी

सौर सुजला योजना क्या है?

छत्तीसगढ़ सरकार की सौर सुजला योजना (Saur Sujala Yojana) एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के माध्यम से किसानों को सस्ती और विश्वसनीय सिंचाई सुविधा प्रदान करना है। इस योजना के तहत किसानों को सौर ऊर्जा संचालित पंप मुफ्त या रियायती दरों पर उपलब्ध कराए जाते हैं। यह योजना न केवल खेती को आसान बनाती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और बिजली बिलों में कमी लाने में भी मदद करती है।

सौर सुजला योजना को 2016 में शुरू किया गया था और यह छत्तीसगढ़ के उन क्षेत्रों के लिए वरदान साबित हुई है, जहां बिजली की पहुंच सीमित है। Saur Sujala Yojana के जरिए सरकार ने ग्रामीण किसानों की उत्पादकता बढ़ाने और उनकी आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।

योजना का उद्देश्य

सौर सुजला योजना (Saur Sujala Yojana) के पीछे कई महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं, जो ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े हैं:

  1. सिंचाई सुविधा: सौर पंपों के जरिए किसानों को नियमित और सस्ती सिंचाई उपलब्ध कराना।
  2. पर्यावरण संरक्षण: नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देकर डीजल और बिजली पर निर्भरता कम करना।
  3. आर्थिक लाभ: बिजली बिलों से छुटकारा दिलाकर किसानों की लागत कम करना।
  4. ग्रामीण विकास: दूरस्थ क्षेत्रों में ऊर्जा पहुंचाकर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।

यह योजना किसानों को

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आधुनिक तकनीक से जोड़ने और उनकी खेती को लाभकारी बनाने का प्रयास करती है।

योजना की मुख्य विशेषताएं

सौर पंप वितरण

सौर सुजला योजना के तहत किसानों को 3 हॉर्स पावर (HP) और 5 हॉर्स पावर (HP) के सौर पंप प्रदान किए जाते हैं। छोटे किसानों के लिए ये पंप मुफ्त या सब्सिडी पर उपलब्ध होते हैं, जबकि बड़े किसानों को रियायती दरों पर इन्हें खरीदना होता है।

सब्सिडी और लागत

योजना में सरकार और राज्य बिजली वितरण कंपनी मिलकर 90% तक सब्सिडी प्रदान करती हैं। उदाहरण के लिए, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के किसानों को केवल 5-10% लागत वहन करनी पड़ती है।

रखरखाव और समर्थन

सौर पंपों के साथ 5 साल की मुफ्त रखरखाव सेवा भी दी जाती है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर तकनीकी सहायता केंद्र स्थापित किए गए हैं।

लाभ और प्रभावित क्षेत्र

सौर सुजला योजना का सबसे बड़ा लाभ उन ग्रामीण क्षेत्रों को मिलता है, जहां बिजली की आपूर्ति अनियमित है या बिल्कुल नहीं है। यह योजना छोटे, सीमांत, और मध्यम किसानों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।

इसके पर्यावरणीय लाभ भी महत्वपूर्ण हैं। सौर ऊर्जा के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है और डीजल पंपों का उपयोग कम होता है। साथ ही, किसानों की बिजली पर निर्भरता खत्म होने से उनकी खेती की लागत में भारी कमी आती है।

भाग लेने की प्रक्रिया

सौर सुजला योजना में शामिल होने के लिए किसानों को निम्नलिखित चरणों का पालन करना होता है:

  1. आवेदन: स्थानीय कृषि विभाग कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन जमा करें।
  2. दस्तावेज: आधार कार्ड, भूमि स्वामित्व प्रमाण, और जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) प्रस्तुत करें।
  3. चयन: पात्रता के आधार पर किसानों का चयन किया जाता है।
  4. स्थापना: चयन के बाद सौर पंप की स्थापना सरकार द्वारा की जाती है।

योजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी के लिए आप छत्तीसगढ़ सरकार की आधिकारिक वेबसाइट cgstate.gov.in पर जा सकते हैं।

योजना से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

सौर सुजला योजना को केंद्र सरकार की कुसुम योजना (KUSUM Yojana) के साथ जोड़ा गया है ताकि इसका दायरा बढ़ाया जा सके। अब तक इस योजना के तहत हजारों सौर पंप स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे लाखों किसानों को लाभ हुआ है।

सरकार ने इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए हैं। साथ ही, सौर पंपों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियमित निरीक्षण किया जाता है।


सौर सुजला योजना (Saur Sujala Yojana) छत्तीसगढ़ में ग्रामीण किसानों के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह योजना न केवल सिंचाई को सुलभ बनाती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक बचत में भी योगदान देती है। यह योजना छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए सौर ऊर्जा की रोशनी लेकर आई है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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