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राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड: हल्दी उत्पादन का संवर्धन

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड: हल्दी उत्पादन का संवर्धन

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड क्या है?

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड (National Turmeric Board) भारत सरकार की एक कृषि संवर्धन पहल है। इसे 4 अक्टूबर 2023 को अधिसूचित किया गया था। इसका उद्देश्य हल्दी उत्पादन, प्रसंस्करण और निर्यात को बढ़ावा देना है। यह बोर्ड तेलंगाना के निजामाबाद में स्थापित किया गया है। National Turmeric Board हल्दी किसानों और उद्योग को मजबूत करने का एक नया प्रयास है।

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का उद्देश्य

इसका मुख्य लक्ष्य 2030 तक हल्दी निर्यात को 1 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना है। यह हल्दी की गुणवत्ता सुधारना, बाजार विस्तार करना और किसानों की आय बढ़ाना चाहता है। इसका मकसद भारत को वैश्विक हल्दी बाजार में अग्रणी बनाना है।

हल्दी उत्पादन का महत्व

यह बोर्ड हल्दी को एक मूल्यवान फसल बनाता है। यह किसानों और अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाता है।

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की मुख्य विशेषताएं

इस योजना की कुछ खास विशेषताएं हैं:

  1. हल्दी उत्पादन पर फोकस।
  2. निर्यात और प्रसंस्करण सहायता।
  3. किसानों को तकनीकी मदद।
  4. बाजार विस्तार पर जोर।

National Turmeric Board को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने लागू किया।

लाभ और प्रभाव

इस बोर्ड से हल्दी उद्योग में सुधार शुरू हुआ। 2023 तक, निर्यात में वृद्धि देखी गई। उदाहरण के लिए, तमिलनाडु और तेलंगाना में किसानों को लाभ मिला।

आर्थिक लाभ

निर्यात से विदेशी मुद्रा बढ़ी।

किसान प्रभाव

किसानों की आय में सुधार हुआ।

भागीदारी कैसे करें?

इस बोर्ड

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का लाभ लेने के लिए:

  1. कृषि कार्यालय से संपर्क करें।
  2. हल्दी उत्पादन की जानकारी दें।
  3. सहायता के लिए आवेदन करें।
  4. निर्यात योजना से जुड़ें।

अधिक जानकारी के लिए वाणिज्य मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

प्रमुख क्षेत्र और कार्यान्वयन

यह बोर्ड कृषि, निर्यात और अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है। इसे वाणिज्य मंत्रालय और राज्य सरकारों ने लागू किया।

विश्लेषण

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड ने हल्दी उद्योग को नई दिशा दी। यह निर्यात में सफल रहा। हालांकि, छोटे किसानों तक पहुंच बढ़ाने की जरूरत है। फिर भी, यह बोर्ड हल्दी संवर्धन में एक बड़ा कदम है।

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