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नमामि गंगे योजना (Namami Gange Yojana) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पर्यावरण संरक्षण योजना है, जिसे 7 जुलाई 2016 को औपचारिक रूप से लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य गंगा नदी को प्रदूषण से मुक्त करना, उसकी जैव-विविधता को संरक्षित करना और उसे पुनर्जनन करना है। यह योजना गंगा के किनारे बसे करोड़ों लोगों के लिए जीवन रेखा को स्वच्छ और जीवंत बनाने की दिशा में काम करती है। Namami Gange Yojana गंगा की पवित्रता को वापस लाने का संकल्प है।
इसका मुख्य लक्ष्य 2020 तक गंगा को साफ करना था, जिसे बाद में बढ़ाकर 2030 कर दिया गया। यह नदी में औद्योगिक और घरेलू प्रदूषण को रोकना, सीवेज ट्रीटमेंट को बढ़ाना और नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जनन करना चाहती है। इसका सपना है कि गंगा फिर से निर्मल और अविरल बहे।
गंगा सिर्फ एक नदी नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान है। यह योजना इसे बचाने का प्रयास है।
इस योजना की कुछ खास विशेषताएं हैं:
Namami Gange Yojana को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के बजट के साथ लागू किया गया।
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सीवेज ट्रीटमेंट से नदी में प्रदूषण कम हुआ और मछलियों व अन्य प्रजातियों का जीवन बचा।
स्वच्छ गंगा से लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हुआ और पर्यटन को बढ़ावा मिला।
इस योजना में शामिल होने के लिए:
विस्तृत जानकारी के लिए नमामि गंगे की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
यह योजना पर्यावरण, जल संसाधन और पर्यटन को प्रभावित करती है। इसे जल शक्ति मंत्रालय और राज्य सरकारों के सहयोग से लागू किया गया।
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