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मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना: पशुपालकों का सहारा

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना: पशुपालकों का सहारा

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना क्या है?

झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना (Mukhyamantri Pashudhan Vikas Yojana) ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को बढ़ावा देने और पशुपालकों की आय को दोगुना करने के लिए बनाई गई है। यह योजना झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में शुरू की गई है और इसका उद्देश्य राज्य के किसानों और पशुपालकों को आर्थिक रूप से मजबूत करना है।

इस योजना के तहत, पशुपालकों को पशु खरीदने, उनकी देखभाल करने, और पशुधन से संबंधित व्यवसाय शुरू करने के लिए सब्सिडी और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। Mukhyamantri Pashudhan Vikas Yojana झारखंड जैसे राज्य में, जहाँ ग्रामीण अर्थव्यवस्था कृषि और पशुपालन पर निर्भर है, एक महत्वपूर्ण कदम है।

योजना का उद्देश्य और महत्व

इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुपालन को एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में स्थापित करना और ग्रामीण परिवारों की आय में वृद्धि करना है। यह योजना दूध, मांस, और अन्य पशु उत्पादों के उत्पादन को बढ़ाने में भी मदद करती है।

इसका महत्व इस बात में है कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करती है। पशुपालन से न केवल पशुपालकों की आय बढ़ती है, बल्कि यह स्थानीय बाजारों को भी मजबूत करता है।

पशुपालकों के लिए आर्थिक मजबूती

यह योजना पशुपालकों के लिए

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"आर्थिक मजबूती" का आधार बनती है। यह उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवन स्तर को ऊँचा उठाने में सहायक है।

योजना की विशेषताएं

मुख्य विशेषताएं:

  1. सब्सिडी: गाय, भैंस, बकरी आदि के लिए 50-90% तक सब्सिडी।
  2. प्रशिक्षण: पशुपालन के लिए मुफ्त प्रशिक्षण।
  3. लक्षित समूह: छोटे किसान और पशुपालक।

पात्रता मानदंड

पात्रता:

  1. झारखंड का निवासी।
  2. पशुपालन में रुचि।
  3. आय ₹2.5 लाख से कम।

आवेदन प्रक्रिया

चरण:

  1. फॉर्म jharkhand.gov.in से लें।
  2. आधार, निवास प्रमाण, और बैंक विवरण जमा करें।
  3. पशुपालन विभाग में जमा करें।

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