☰ Menu

Place for ads

दालों में आत्मनिर्भरता मिशन: दाल उत्पादन की नई पहल

दालों में आत्मनिर्भरता मिशन: दाल उत्पादन की नई पहल

दालों में आत्मनिर्भरता मिशन क्या है?

दालों में आत्मनिर्भरता मिशन (Mission for Atmanirbharta in Pulses) भारत सरकार की एक कृषि योजना है। इसे 2025-26 के बजट में 1 फरवरी 2025 को घोषित किया गया और फरवरी 2025 में शुरू किया गया। इसका उद्देश्य उड़द, तुअर और मसूर जैसी दालों के उत्पादन को बढ़ाना है। यह योजना 6 साल तक चलेगी। Mission for Atmanirbharta in Pulses दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता की नई पहल है।

दालों में आत्मनिर्भरता मिशन का उद्देश्य

इसका मुख्य लक्ष्य 2030 तक दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करना है। यह दाल उत्पादन बढ़ाना, आयात कम करना और किसानों को लाभ देना चाहता है। इसका मकसद खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना है।

दाल उत्पादन का महत्व

यह मिशन दालों की कमी को पूरा करता है। यह पोषण और किसानों की आय को बढ़ाता है।

दालों में आत्मनिर्भरता मिशन की मुख्य विशेषताएं

इस योजना की कुछ खास विशेषताएं हैं:

  1. उड़द, तुअर, मसूर पर फोकस।
  2. 6 साल का मिशन।
  3. किसानों को बीज और सहायता।
  4. NAFED और NCCF द्वारा खरीद।

Mission for Atmanirbharta in Pulses को कृषि मंत्रालय ने लागू किया।

लाभ और प्रभाव

इस मिशन से दाल उत्पादन में प्रगति शुरू हुई। 2025 में शुरूआती प्रभाव दिखा। उदाहरण के लिए, पंजाब और हरियाणा में दाल खेती बढ़ी।

आर्थिक लाभ

आयात कम होने से खर्च बचा।

किसान प्रभाव

किसानों की आय

Place for ads

स्थिर हुई।

भागीदारी कैसे करें?

इस मिशन में शामिल होने के लिए:

  1. कृषि कार्यालय से संपर्क करें।
  2. NAFED से पंजीकरण करें।
  3. सहायता के लिए आवेदन करें।
  4. प्रगति की जानकारी लें।

अधिक जानकारी के लिए कृषि मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

प्रमुख क्षेत्र और कार्यान्वयन

यह मिशन कृषि, खाद्य सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है। इसे कृषि मंत्रालय और राज्य सरकारों ने लागू किया।

विश्लेषण

दालों में आत्मनिर्भरता मिशन ने दाल उत्पादन को बढ़ाया। यह आत्मनिर्भरता में सफल रहा। हालांकि, बड़े पैमाने पर प्रभाव के लिए और प्रयास चाहिए। फिर भी, यह मिशन खाद्य सुरक्षा में एक बड़ा कदम है।

Place for ads

Subscribe to Our Newsletter