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मेघालय एमपावर योजना: किशोरों का सशक्तिकरण

मेघालय सरकार की योजनाएँ: युवाओं की शक्ति

मेघालय सरकार ने युवाओं और किशोरों के विकास के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं। इनमें से एक उल्लेखनीय पहल है मेघालय प्रोग्राम फॉर एडोलसेंट वेलबीइंग, एम्पावरमेंट, एंड रेजिलिएंस (एमपावर), जो किशोरों के जीवन को बेहतर बनाने पर केंद्रित है। यह योजना किशोरों के स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल को बढ़ाने के लिए बनाई गई है। इस लेख में हम इस योजना के बारे में विस्तार से जानेंगे।

मेघालय एमपावर योजना क्या है?

मेघालय एमपावर योजना (Meghalaya Program for Adolescent Wellbeing, Empowerment, and Resilience - MPOWER) 2024 में शुरू की गई एक योजना है। यह किशोरों (10-19 साल) के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास पर ध्यान देती है।

योजना का उद्देश्य

इसका उद्देश्य किशोरों को सशक्त बनाना, उनकी सेहत सुधारना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल प्रदान करना है। यह योजना लैंगिक समानता और सामाजिक जागरूकता को भी बढ़ावा देती है।

योजना की विशेषताएँ

योजना की मुख्य विशेषताएँ:

  1. स्वास्थ्य जागरूकता: किशोरों के लिए स्वास्थ्य शिविर और परामर्श।
  2. कौशल प्रशिक्षण: रोजगार के लिए तकनीकी और जीवन कौशल।
  3. शिक्षा सहायता: स्कूल छोड़ने की रोकथाम और शिक्षा प्रोत्साहन।
  4. मानसिक स्वास्थ्य: तनाव और चिंता से निपटने के लिए सहायता।

एमपावर के लाभ

इस योजना से लाभ:

  1. कौशल विकास: किशोर रोजगार के लिए तैयार होते हैं।
  2. स्वास्थ्य सुधार: शारीरिक और मानसिक सेहत बेहतर

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    होती है।
  3. सामाजिक जागरूकता: लैंगिक समानता और अधिकारों की समझ।
  4. आत्मविश्वास: आत्मनिर्भरता में वृद्धि।

किन क्षेत्रों को कवर करती है?

यह योजना कई क्षेत्रों पर काम करती है:

  1. स्वास्थ्य (Swasthya): प्रजनन और पोषण स्वास्थ्य।
  2. शिक्षा (Shiksha): स्कूल और कौशल शिक्षा।
  3. कौशल (Kaushal): तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण।

आवेदन प्रक्रिया

इसमें भाग लेने के लिए:

  1. पंजीकरण: नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या स्कूल में संपर्क करें।
  2. दस्तावेज: आयु प्रमाण और निवास प्रमाण।
  3. संपर्क: MBDA पोर्टल से जानकारी लें।

पात्रता मानदंड

पात्रता:

  1. मेघालय का निवासी।
  2. 10-19 साल की उम्र।
  3. कमजोर वर्ग को प्राथमिकता।

विश्लेषण

एमपावर योजना किशोरों के लिए एक दूरदर्शी कदम है। यह उन्हें शिक्षा और कौशल से जोड़कर भविष्य के लिए तैयार करती है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधन और जागरूकता की कमी इसे चुनौतीपूर्ण बना सकती है। प्रभावी कार्यान्वयन से यह योजना समाज को बदल सकती है।

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