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लाभा योजना: ओडिशा में लघु वन उत्पादों का समर्थन

लाभा योजना क्या है?

ओडिशा सरकार ने आदिवासी समुदायों के कल्याण के लिए "लाभा योजना" (LABHA Yojana) शुरू की है। इसका पूरा नाम "लघु वन जatya द्रव्य क्रय योजना" है। यह योजना 2024 में शुरू हुई और इसका उद्देश्य लघु वन उत्पादों (Minor Forest Produce - MFP) के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रदान करना है। यह 100% राज्य-वित्त पोषित योजना है, जो ओडिशा के करोड़ों आदिवासियों को लाभ पहुंचाएगी।

LABHA Yojana के तहत सरकार वन उत्पादों जैसे तेंदू पत्ता, महुआ, और इमली को सीधे प्राथमिक संग्राहकों (आदिवासियों) से खरीदती है। इसके लिए ट्राइबल डेवलपमेंट कोऑपरेटिव कॉरपोरेशन ऑफ ओडिशा (TDCCOL) द्वारा संग्रहण केंद्र बनाए गए हैं। इस योजना से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और आदिवासियों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य मिलेगा।

योजना का उद्देश्य और महत्व

लाभा योजना का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त करना है। ओडिशा में लगभग 23% आबादी आदिवासी है, और ये लोग अपनी आजीविका के लिए वन उत्पादों पर निर्भर हैं। लेकिन पहले उन्हें उचित मूल्य नहीं मिलता था। यह योजना इस असमानता को दूर करती है।

इसके अलावा, यह योजना वन संरक्षण और टिकाऊ आजीविका को बढ़ावा देती है। LABHA Yojana ओडिशा के आदिवासी क्षेत्रों में गरीबी कम करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत

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करने में भी मदद करेगी। यह योजना राज्य को वन उत्पादों के मूल्य संवर्धन में अग्रणी बनाने की दिशा में एक कदम है।

योजना की प्रमुख विशेषताएं

लाभा योजना की कुछ प्रमुख विशेषताएं:

  1. MSP: लघु वन उत्पादों के लिए हर साल MSP तय।
  2. सीधी खरीद: TDCCOL के जरिए संग्राहकों से खरीद।
  3. मूल्य संवर्धन: उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए इकाइयां।
  4. पारदर्शिता: DBT के जरिए भुगतान।
  5. कवरेज: सभी आदिवासी क्षेत्र।

ये सुविधाएं आदिवासियों को उनकी मेहनत का पूरा फल देती हैं।

लाभ और प्रभावित क्षेत्र

इस योजना का लाभ ओडिशा के 62 विभिन्न आदिवासी समुदायों को मिलेगा, जिसमें 13 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) शामिल हैं। यह योजना राज्य के 121 अनुसूचित क्षेत्रों में प्रभावी होगी, जो ओडिशा के भौगोलिक क्षेत्र का 44.70% हिस्सा हैं। LABHA Yojana से आदिवासियों की आय बढ़ेगी और उनकी जीवनशैली में सुधार होगा।

यह योजना वन उत्पादों के बाजार को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने में भी मदद करेगी। इससे ओडिशा की ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

योजना में भागीदारी की प्रक्रिया

लाभा योजना में भाग लेने के लिए आदिवासियों को अपने नजदीकी TDCCOL संग्रहण केंद्र पर संपर्क करना होगा। वहां से उन्हें पंजीकरण और उत्पाद जमा करने की प्रक्रिया की जानकारी मिलेगी। अधिक जानकारी के लिए ओडिशा सरकार की वेबसाइट stsc.odisha.gov.in पर जा सकते हैं।

पात्रता के लिए आवेदक का ओडिशा का निवासी होना और वन उत्पाद संग्रहण उसकी आजीविका का हिस्सा होना जरूरी है। भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में DBT के जरिए होता है।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

योजना के तहत मूल्य संवर्धन के लिए प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जा रही हैं, जैसे इमली प्रसंस्करण संयंत्र। यह आदिवासियों को अतिरिक्त आय का स्रोत देगा। छोटे संग्राहकों को प्राथमिकता दी जाती है।

ओडिशा सरकार की अन्य योजनाओं से तुलना

लाभा योजना "समृद्ध कृषक योजना" (Samrudha Krushaka Yojana) और "कृषि ओडिशा योजना" (Krushi Odisha Yojana) से अलग है। जहां ये योजनाएं किसानों पर केंद्रित हैं, वहीं LABHA Yojana आदिवासियों और वन उत्पादों पर फोकस करती है।

विश्लेषण: योजना का प्रभाव और भविष्य

लाभा योजना ओडिशा के आदिवासियों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करेगी और बिचौलियों से मुक्ति दिलाएगी। योजना का 100% राज्य-वित्त पोषण इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

हालांकि, इसके लिए जागरूकता और संग्रहण केंद्रों का विस्तार जरूरी है। भविष्य में, यह योजना ओडिशा को वन उत्पादों के मूल्य संवर्धन में अग्रणी बना सकती है और आदिवासी समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ सकती है।

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