☰ Menu

Place for ads

गोधन न्याय योजना: छत्तीसगढ़ में पशुपालकों का सम्मान

गोधन न्याय योजना: छत्तीसगढ़ में पशुपालकों का सम्मान

गोधन न्याय योजना क्या है?

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) एक अनूठी पहल है, जिसका उद्देश्य पशुपालकों को आर्थिक सहायता प्रदान करना और जैविक खेती को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत सरकार पशुपालकों से गोबर खरीदती है और उसका उपयोग कम्पोस्ट खाद बनाने में करती है। यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देती है।

गोधन न्याय योजना को 20 जुलाई 2020 को हरेली त्योहार के अवसर पर लॉन्च किया गया था। यह योजना छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन के महत्व को पहचानती है और पशुपालकों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने का प्रयास करती है। Godhan Nyay Yojana के जरिए अब तक लाखों किसानों और पशुपालकों को लाभ मिल चुका है।

योजना का उद्देश्य

गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) के पीछे कई सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय उद्देश्य हैं। ये उद्देश्य ग्रामीण जीवन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं:

  1. पशुपालकों की आय: गोबर बेचकर पशुपालकों को अतिरिक्त आय का स्रोत प्रदान करना।
  2. जैविक खेती: गोबर से बनी वर्मी कम्पोस्ट खाद को बढ़ावा देकर रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करना।
  3. पर्यावरण संरक्षण: गोबर का उचित उपयोग कर प्रदूषण को रोकना और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना।
  4. रोजगार सृजन: खाद उत्पादन

    Place for ads

    इकाइयों के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करना।

इसके अलावा, यह योजना पशुओं को सड़कों पर छोड़ने की समस्या को भी कम करती है, जिससे सड़क सुरक्षा में सुधार होता है।

योजना की मुख्य विशेषताएं

गोबर की खरीद

गोधन न्याय योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि सरकार पशुपालकों से गोबर को 2 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदती है। यह खरीद गौशालाओं और संग्रह केंद्रों के माध्यम से की जाती है।

वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन

खरीदे गए गोबर का उपयोग वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने में किया जाता है, जिसे सरकार 8 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से किसानों को बेचती है। यह खाद सस्ती और पर्यावरण के अनुकूल होती है।

महिला स्व-सहायता समूहों की भागीदारी

इस योजना में महिला स्व-सहायता समूह (SHGs) सक्रिय रूप से शामिल हैं। वे गोबर संग्रह और खाद उत्पादन में भाग लेती हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है।

लाभ और प्रभावित क्षेत्र

गोधन न्याय योजना का लाभ छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले पशुपालकों, किसानों और महिलाओं को मिलता है। यह योजना विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए उपयोगी है, जो पशुपालन के साथ-साथ खेती करते हैं।

इसके पर्यावरणीय लाभ भी उल्लेखनीय हैं। गोबर का उपयोग खाद बनाने में होने से जैविक कचरे का प्रबंधन बेहतर होता है और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है। साथ ही, यह योजना ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भी मदद करती है।

भाग लेने की प्रक्रिया

गोधन न्याय योजना में भाग लेना आसान है। पशुपालकों को निम्नलिखित चरणों का पालन करना होता है:

  1. पंजीकरण: स्थानीय गौशाला या संग्रह केंद्र में अपना नाम दर्ज करवाएं।
  2. गोबर जमा करें: प्रतिदिन या नियमित अंतराल पर गोबर संग्रह केंद्र में जमा करें।
  3. भुगतान: गोबर की मात्रा के आधार पर हर 15 दिन में भुगतान सीधे बैंक खाते में प्राप्त करें।

योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की आधिकारिक वेबसाइट cgstate.gov.in पर जाएं।

योजना से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

गोधन न्याय योजना को अन्य योजनाओं जैसे नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना (Narva, Garva, Ghurva, Bari Yojana) और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) के साथ समन्वय में लागू किया जाता है। अब तक इस योजना के तहत लाखों किलोग्राम गोबर खरीदा जा चुका है और हजारों टन वर्मी कम्पोस्ट तैयार की गई है।

सरकार ने इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए डिजिटल भुगतान प्रणाली शुरू की है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है। साथ ही, समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए जाते हैं।

विश्लेषण

गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) छत्तीसगढ़ में ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अभिनव कदम है। यह योजना पशुपालकों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के साथ-साथ जैविक खेती को बढ़ावा देती है।

Place for ads

Subscribe to Our Newsletter