Place for ads
अरुंधति स्वर्ण योजना (Arundhati Swarna Yojana) असम सरकार की एक अनूठी पहल है, जिसे नवविवाहित दुल्हनों को वित्तीय सहायता प्रदान करने और सामाजिक बुराइयों जैसे दहेज प्रथा और बाल विवाह को रोकने के लिए शुरू किया गया है। इस योजना को 1 जनवरी 2020 को तत्कालीन मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य नवविवाहित जोड़ों को शादी के खर्च में मदद करना और महिलाओं को सम्मान के साथ नई जिंदगी शुरू करने का अवसर देना है। योजना के तहत पात्र दुल्हनों को 40,000 रुपये की राशि दी जाती है, जिसका उपयोग वे अपने विवाह से जुड़े खर्चों के लिए कर सकती हैं।
असम में दहेज प्रथा और कम उम्र में शादी जैसी समस्याएं लंबे समय से चली आ रही हैं। अरुंधति स्वर्ण योजना इन समस्याओं को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह योजना उन परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है जो अपनी बेटियों की शादी के लिए संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। इसके साथ ही, यह योजना शादी को औपचारिक रूप से पंजीकृत करने के महत्व पर भी जोर देती है, जिससे कानूनी मान्यता और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
अरुंधति स्वर्ण योजना की कई
Place for ads
इसके अलावा, यह योजना सामाजिक जागरूकता को भी बढ़ावा देती है। शादी को पंजीकृत करने की शर्त के कारण लोग कानूनी प्रक्रियाओं के प्रति जागरूक हो रहे हैं। सरकार ने इस योजना के लिए हर साल करोड़ों रुपये का बजट आवंटित किया है, और अब तक लाखों दुल्हनों को इसका लाभ मिल चुका है। Arundhati Swarna Yojana ने असम में शादी को एक सम्मानजनक और किफायती प्रक्रिया बनाने में मदद की है।
अरुंधति स्वर्ण योजना का मुख्य उद्देश्य नवविवाहित दुल्हनों को आर्थिक सहायता प्रदान करना और दहेज जैसी कुरीतियों को खत्म करना है। यह योजना उन परिवारों को राहत देती है जो शादी के खर्च के लिए कर्ज लेने को मजबूर होते हैं। इसके साथ ही, यह बाल विवाह को रोकने में भी मदद करती है, क्योंकि शादी को पंजीकृत करने की शर्त 21 साल से कम उम्र की लड़कियों को बाहर रखती है। सरकार का मानना है कि यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाएगी और समाज में उनकी स्थिति को मजबूत करेगी।
इस योजना के कई लाभ हैं जो इसे असम की दुल्हनों और उनके परिवारों के लिए उपयोगी बनाते हैं। पहला लाभ यह है कि 40,000 रुपये की राशि शादी के खर्च में मदद करती है। यह राशि दुल्हन के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है, जिससे वह इसका उपयोग अपनी जरूरत के अनुसार कर सकती है। दूसरा, यह योजना दहेज प्रथा को कम करने में मदद करती है। जब सरकार की ओर से यह सहायता मिलती है, तो परिवारों पर दहेज देने का दबाव कम होता है।
तीसरा लाभ यह है कि यह योजना शादी के पंजीकरण को बढ़ावा देती है। पंजीकृत शादी से दुल्हन को कानूनी सुरक्षा मिलती है, और यह उसके अधिकारों की रक्षा करती है। इसके अलावा, Arundhati Swarna Yojana ने सामाजिक जागरूकता फैलाने में भी योगदान दिया है। यह योजना परिवारों को यह सिखाती है कि शादी एक साधारण और सम्मानजनक प्रक्रिया हो सकती है, जिसमें भारी खर्च की जरूरत नहीं है।
अरुंधति स्वर्ण योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ पात्रता मानदंड पूरे करने जरूरी हैं। इनमें शामिल हैं:
ये शर्तें सुनिश्चित करती हैं कि योजना का लाभ केवल जरूरतमंद और कानूनी रूप से विवाहित जोड़ों तक पहुंचे।
अरुंधति स्वर्ण योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया आसान और सुव्यवस्थित है। नवविवाहित जोड़े अपने नजदीकी जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होते हैं:
आवेदन जमा करने के बाद, अधिकारियों द्वारा सत्यापन किया जाता है। स्वीकृति मिलने पर, 40,000 रुपये की राशि दुल्हन के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है। अधिक जानकारी के लिए असम सरकार की आधिकारिक वेबसाइट assam.gov.in पर जाकर देखा जा सकता है।
अरुंधति स्वर्ण योजना का असम में व्यापक प्रभाव देखा गया है। शुरू होने के बाद से लाखों नवविवाहित दुल्हनों ने इस योजना का लाभ उठाया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2020 से अब तक 2 लाख से अधिक जोड़ों को यह सहायता दी जा चुकी है। इस योजना ने न केवल शादी के खर्च को कम किया है, बल्कि दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी समस्याओं को भी कम करने में मदद की है।
ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां परिवार अक्सर शादी के लिए कर्ज लेते थे, वहां यह योजना एक राहत बनकर आई है। इसके साथ ही, शादी के पंजीकरण की दर में भी वृद्धि हुई है, जिससे कानूनी जागरूकता बढ़ी है। यह योजना महिलाओं को यह संदेश देती है कि उनकी शादी सरकार के लिए महत्वपूर्ण है, और यह उनके सम्मान और सुरक्षा को सुनिश्चित करती है।
Place for ads