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"उत्तर प्रदेश गंगा यात्रा योजना" (Uttar Pradesh Ganga Yatra Yojana) गंगा नदी के संरक्षण और इसके किनारे बसे समुदायों के विकास के लिए शुरू की गई एक पहल है। यह योजना 2020 में शुरू हुई थी, जब गंगा यात्रा का आयोजन किया गया था। इसका उद्देश्य गंगा को स्वच्छ रखना, प्रदूषण (pollution) कम करना, और नदी से जुड़े क्षेत्रों में रोजगार सृजन (rozgar srijan) को बढ़ावा देना है। यह योजना पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भरता (aatmanirbhar) को जोड़ती है।
इस योजना के तहत गंगा के किनारे बसे गांवों में जागरूकता और विकास कार्य किए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश गंगा यात्रा योजना के प्रमुख उद्देश्य हैं:
इस योजना की कुछ खास विशेषताएं हैं:
गंगा के घाटों की सफाई और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (sewage treatment plants) की स्थापना की जा रही है।
नदी पर आधारित व्यवसाय जैसे मछली पालन और पर्यटन से रोजगार बढ़ाया जा रहा है।
गांवों में शिविर और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं।
इस योजना से कई लाभ हैं:
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उदाहरण के लिए, वाराणसी में घाटों की सफाई से पर्यटक आकर्षित हो रहे हैं और स्थानीय व्यवसाय फल-फूल रहे हैं।
इस योजना से जुड़ने के लिए:
ग्रामीण स्तर पर पंचायतों से भी जानकारी ली जा सकती है।
उत्तर प्रदेश गंगा यात्रा योजना (Uttar Pradesh Ganga Yatra Yojana) नदी संरक्षण और विकास का एक शानदार मॉडल है। यह पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों को मजबूत कर रही है। इस पहल का हिस्सा बनें और गंगा के संरक्षण में योगदान दें।
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