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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana), जिसे PMMSY के नाम से जाना जाता है, भारत सरकार की एक मछली पालन विकास योजना है। इसे 2019 के बजट में घोषित किया गया था और इसका औपचारिक शुभारंभ 10 सितंबर 2020 को हुआ, लेकिन 2019 में ही इसकी योजना और शुरुआती कार्य शुरू हो गए थे। इसका उद्देश्य मछली पालन और जलीय कृषि को बढ़ावा देना है। यह योजना मछुआरों की आय बढ़ाने और मछली उत्पादन को दोगुना करने की दिशा में काम करती है। Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana मछली पालन में क्रांति लाने का वादा है।
इसका मुख्य लक्ष्य 2024-25 तक मछली उत्पादन को 22 मिलियन टन तक पहुंचाना है। यह मछुआरों को आर्थिक सहायता, बुनियादी ढांचा और बाजार देना चाहता है। इसका मकसद रोजगार पैदा करना और निर्यात को बढ़ाना है।
यह योजना मछली पालन को एक लाभकारी व्यवसाय बनाती है। यह मछुआरों के जीवन को बेहतर करने की कोशिश करती है।
इस योजना की कुछ खास विशेषताएं हैं:
Pradhan Mantri Matsya Sampada
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इस योजना से मछली पालन में वृद्धि हुई। 2023 तक, मछली उत्पादन में 10% की बढ़ोतरी हुई। उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में मछुआरों की आय बढ़ी।
मछली निर्यात से विदेशी मुद्रा बढ़ी और मछुआरों की आय सुधरी।
नए तालाब और बाजार से ग्रामीण रोजगार बढ़ा।
इस योजना में शामिल होने के लिए:
अधिक जानकारी के लिए PMMSY की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
यह योजना मत्स्य पालन, ग्रामीण विकास और अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती है। इसे मत्स्य मंत्रालय और राज्य सरकारों ने लागू किया।
मत्स्य संपदा योजना ने मछली पालन को नई दिशा दी। यह मछुआरों की आय बढ़ाने में सफल रही। हालांकि, बुनियादी ढांचे और जागरूकता में सुधार की जरूरत है। फिर भी, यह योजना मछली पालन में क्रांति लाने में एक बड़ा कदम है।
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