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प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (Pradhan Mantri Gramin Digital Saksharta Abhiyan), जिसे PMGDISHA के नाम से जाना जाता है, भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण डिजिटल साक्षरता पहल है। इसकी नींव 2016 में रखी गई थी, जब इसे कैबिनेट ने मंजूरी दी और इसके पायलट चरण शुरू हुए, हालांकि औपचारिक लॉन्च 8 फरवरी 2017 को हुआ। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में 6 करोड़ लोगों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाना है ताकि वे ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग कर सकें। यह योजना डिजिटल इंडिया के सपने को गांवों तक पहुंचाने की दिशा में काम करती है। Pradhan Mantri Gramin Digital Saksharta Abhiyan ग्रामीण भारत को डिजिटल दुनिया से जोड़ने का प्रयास है।
इस योजना का मुख्य लक्ष्य 2020 तक हर ग्रामीण परिवार से कम से कम एक व्यक्ति को डिजिटल साक्षर बनाना था, जिसे बाद में बढ़ाया गया। यह ग्रामीण लोगों को मोबाइल, इंटरनेट और ऑनलाइन लेनदेन का उपयोग सिखाना चाहती है ताकि वे सरकारी सेवाओं, बैंकिंग और शिक्षा से जुड़ सकें। इसका सपना है कि गांव डिजिटल क्रांति का हिस्सा बनें।
ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल ज्ञान की कमी एक बड़ी बाधा थी। यह योजना इसे दूर कर ग्रामीणों को सशक्त बनाती है।
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इस योजना की कुछ खास विशेषताएं हैं:
Pradhan Mantri Gramin Digital Saksharta Abhiyan को ग्राम पंचायतों और प्रशिक्षण केंद्रों के जरिए लागू किया गया। यह योजना डिजिटल तकनीक को हर घर तक पहुंचाने का माध्यम है।
इस योजना से ग्रामीण भारत में बड़ा बदलाव आया। 2023 तक, 5 करोड़ से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया। ग्रामीण लोग अब ऑनलाइन बैंकिंग, सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन और डिजिटल भुगतान कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, बिहार और उत्तर प्रदेश में ग्रामीण महिलाओं ने डिजिटल लेनदेन सीखा।
डिजिटल साक्षरता से लोग ऑनलाइन व्यवसाय और सेवाओं से जुड़े, जिससे उनकी आय बढ़ी।
ग्रामीण महिलाएं और बुजुर्ग भी डिजिटल दुनिया का हिस्सा बने। इससे उनकी जानकारी और आत्मविश्वास बढ़ा।
इस योजना में शामिल होने के लिए:
विस्तृत जानकारी के लिए PMGDISHA की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
यह योजना शिक्षा, डिजिटल समावेशन और ग्रामीण विकास को प्रभावित करती है। इसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से लागू किया गया।
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