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प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम योजना (Pradhan Mantri Formalisation of Micro Food Processing Enterprises), जिसे PMFME के नाम से जाना जाता है, भारत सरकार की एक खाद्य प्रसंस्करण योजना है। इसे 29 जून 2020 को शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को औपचारिक रूप देना और उनकी क्षमता बढ़ाना है। यह योजना 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करती है। PMFME छोटे खाद्य व्यवसायों को मजबूत करने का प्रयास है।
इसका मुख्य लक्ष्य 2 लाख सूक्ष्म खाद्य इकाइयों को सहायता देना है। यह तकनीकी मदद, ब्रांडिंग और बाजार देना चाहता है। इसका मकसद 9 लाख रोजगार पैदा करना और खाद्य उद्योग को बढ़ावा देना है।
यह योजना छोटे व्यवसायों को आत्मनिर्भर बनाती है। यह खाद्य प्रसंस्करण को लाभकारी बनाती है।
इस योजना की कुछ खास विशेषताएं हैं:
PMFME को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने लागू किया।
इस योजना से खाद्य उद्यमों में सुधार हुआ। 2023 तक, 1 लाख से अधिक इकाइयों को सहायता मिली। उदाहरण के लिए, गुजरात और तमिलनाडु में छोटे व्यवसाय बढ़े।
ब्रांडिंग से आय
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नई इकाइयों से ग्रामीण रोजगार बढ़ा।
इस योजना में शामिल होने के लिए:
अधिक जानकारी के लिए PMFME की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
यह योजना खाद्य उद्योग, रोजगार और ग्रामीण विकास को प्रभावित करती है। इसे खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय और राज्य सरकारों ने लागू किया।
सूक्ष्म खाद्य उद्यम योजना ने छोटे व्यवसायों को मजबूती दी। यह आत्मनिर्भरता में सफल रही। हालांकि, तकनीकी पहुंच और जागरूकता में सुधार की जरूरत है। फिर भी, यह योजना खाद्य उद्योग में एक बड़ा कदम है।
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