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मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना: खेती में क्रांति

मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना: खेती में क्रांति

मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना: बिहार में उन्नत खेती

बिहार सरकार ने किसानों की उत्पादकता और आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण योजना है मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना (Mukhyamantri Tivra Beej Vistar Yojana), जो किसानों को उन्नत बीज (Unnat Beej) उपलब्ध कराकर खेती में क्रांति लाने के लिए शुरू की गई है। यह योजना बिहार में कृषि विकास (Krishi Vikas) को बढ़ावा देने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जानें।

मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य बिहार के किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज प्रदान करना और फसल उत्पादन को बढ़ाना है। Mukhyamantri Tivra Beej Vistar Yojana का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को सस्ते दामों पर उन्नत बीज (Unnat Beej) मिलें, जिससे उनकी पैदावार और आय दोनों में वृद्धि हो। यह योजना खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने में भी मदद करती है।

योजना की शुरुआत और पृष्ठभूमि

मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना को बिहार सरकार ने साल 2017 में शुरू किया था। यह योजना राज्य के कृषि विभाग के तहत संचालित होती है और बिहार में पारंपरिक बीजों की जगह उन्नत और प्रमाणित बीजों

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को बढ़ावा देने के लिए लाई गई थी। बिहार में अधिकांश किसान छोटे और सीमांत हैं, और उनकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए यह योजना शुरू की गई।

मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना की विशेषताएं

इस योजना की कुछ खास विशेषताएं हैं:

1. सब्सिडी पर बीज

किसानों को धान, गेहूं, मक्का और दलहन जैसे उन्नत बीज सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जाते हैं।

2. तेज वितरण

बीजों का वितरण तेजी से और सीधे किसानों तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।

3. प्रशिक्षण और जागरूकता

किसानों को बीजों के उपयोग और खेती की आधुनिक तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है।

मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना के लाभ

योजना के तहत कई लाभ हैं:

  1. सब्सिडी: बीजों पर 50-75% तक की सब्सिडी, जैसे धान के बीज पर 500 रुपये प्रति क्विंटल तक।
  2. उत्पादन में वृद्धि: उन्नत बीजों से फसल की पैदावार 20-30% तक बढ़ती है।
  3. आय में सुधार: बेहतर उत्पादन से किसानों की आय (Kisan Ki Aay) में वृद्धि होती है।

यह योजना कृषि विकास (Krishi Vikas) और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करती है।

लाभ लेने की प्रक्रिया

योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करना होता है। बिहार सरकार के कृषि विभाग ने इसके लिए एक पोर्टल शुरू किया है। आप यहां क्लिक करके आवेदन प्रक्रिया और पात्रता की जानकारी ले सकते हैं। आवेदन के लिए आधार कार्ड, किसान पंजीकरण और बैंक खाता विवरण जैसे दस्तावेज जरूरी हैं।

योजना से प्रभावित क्षेत्र

मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना का प्रभाव कई क्षेत्रों में दिखता है:

कृषि

उन्नत बीजों (Unnat Beej) से फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था

बेहतर पैदावार से किसानों की आय बढ़ी है और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास हुआ है।

खाद्य सुरक्षा

अधिक उत्पादन से राज्य में खाद्य आपूर्ति मजबूत हुई है।

योजना में भागीदारी की प्रक्रिया

योजना में शामिल होने की शर्तें:

  1. आवेदक बिहार का स्थायी निवासी और पंजीकृत किसान होना चाहिए।
  2. कृषि योग्य भूमि का मालिक होना जरूरी है।
  3. आवेदन के समय सभी दस्तावेज जमा करने होंगे।

इन शर्तों को पूरा करने वाले किसान स्थानीय कृषि कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना का प्रभाव

इस योजना ने बिहार के लाखों किसानों को लाभ पहुंचाया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 10 लाख से अधिक किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध कराए जा चुके हैं। धान, गेहूं और मक्का जैसी फसलों की पैदावार में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इससे कृषि विकास (Krishi Vikas) और किसानों की आर्थिक स्थिति में बदलाव आया है।

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