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मुख्यमंत्री निजुत मोइना - बाल विवाह रोक

मुख्यमंत्री निजुत मोइना - बाल विवाह रोक

मुख्यमंत्री निजुत मोइना क्या है?

मुख्यमंत्री निजुत मोइना (Mukhyamantri Nijut Moina) असम सरकार की एक क्रांतिकारी योजना है, जिसे बाल विवाह को रोकने और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है। इस योजना को 18 अगस्त 2024 को मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने लॉन्च किया था। इसका मुख्य उद्देश्य लड़कियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें और कम उम्र में शादी के दबाव से बच सकें। योजना के तहत कक्षा 11 से स्नातक स्तर तक की छात्राओं को मासिक आर्थिक मदद दी जाती है, जिससे उनके परिवारों पर शिक्षा का बोझ कम हो और वे अपनी बेटियों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित हों।

असम में बाल विवाह एक बड़ी सामाजिक समस्या रही है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 31% लड़कियों की शादी 18 साल से पहले हो जाती थी, जो राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है। मुख्यमंत्री निजुत मोइना इस समस्या को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। यह योजना न केवल शिक्षा को बढ़ावा देती है, बल्कि लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में भी मदद करती है।

मुख्यमंत्री निजुत मोइना की विशेषताएं

मुख्यमंत्री निजुत

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मोइना की कई विशेषताएं इसे असम की सबसे प्रभावी योजनाओं में से एक बनाती हैं। पहली विशेषता यह है कि यह योजना विभिन्न शैक्षणिक स्तरों पर वित्तीय सहायता प्रदान करती है। कक्षा 11 और 12 की छात्राओं को हर महीने 1,000 रुपये, स्नातक (ग्रेजुएशन) की छात्राओं को 1,250 रुपये, और स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएशन) की छात्राओं को 2,500 रुपये दिए जाते हैं। यह राशि साल में 10 महीने के लिए दी जाती है, जो स्कूल और कॉलेज सत्र के हिसाब से तय की गई है।

दूसरी विशेषता यह है कि यह योजना केवल सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए है, जिससे निजी संस्थानों में पढ़ाई को बाहर रखा गया है। तीसरी खास बात यह है कि यह योजना पूरे असम में लागू है और इसमें कोई आय सीमा नहीं है, यानी सभी आर्थिक पृष्ठभूमि की लड़कियां इसका लाभ उठा सकती हैं। सरकार ने इस योजना के लिए 240 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिससे पहले साल में लगभग 10 लाख छात्राओं को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

योजना का उद्देश्य

मुख्यमंत्री निजुत मोइना का मुख्य उद्देश्य बाल विवाह को रोकना और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देना है। यह योजना उन परिवारों को आर्थिक सहायता देकर प्रोत्साहित करती है जो अपनी बेटियों की शादी कम उम्र में करने की योजना बनाते हैं। इसके साथ ही, यह लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने की दिशा में काम करती है। सरकार का मानना है कि शिक्षित लड़कियां न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे समाज को मजबूत कर सकती हैं।

मुख्यमंत्री निजुत मोइना के लाभ

इस योजना के कई लाभ हैं जो इसे असम की लड़कियों के लिए एक वरदान बनाते हैं। पहला लाभ यह है कि यह वित्तीय सहायता लड़कियों को स्कूल और कॉलेज में अपनी पढ़ाई जारी रखने में मदद करती है। दूसरा, यह योजना परिवारों पर शिक्षा का आर्थिक बोझ कम करती है, जिससे वे अपनी बेटियों की शादी के बजाय उनकी पढ़ाई पर ध्यान दे सकते हैं। तीसरा, यह योजना लड़कियों में आत्मविश्वास बढ़ाती है और उन्हें अपने करियर के सपने पूरे करने का मौका देती है।

Mukhyamantri Nijut Moina ने लड़कियों को यह संदेश दिया है कि उनकी शिक्षा सरकार की प्राथमिकता है। इसके अलावा, यह योजना बाल विवाह से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों जैसे मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने में भी मदद कर रही है। यह सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देती है और समाज में लड़कियों की स्थिति को बेहतर बनाने में योगदान देती है।

पात्रता मानदंड

मुख्यमंत्री निजुत मोइना का लाभ उठाने के लिए कुछ पात्रता मानदंड हैं। इनमें शामिल हैं:

  1. आवेदक असम की स्थायी निवासी होनी चाहिए।
  2. यह योजना केवल लड़कियों के लिए है।
  3. छात्रा कक्षा 11, 12, स्नातक या स्नातकोत्तर में पढ़ रही हो।
  4. छात्रा किसी सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त संस्थान में नामांकित हो।
  5. लड़की की शादी नहीं हुई हो (विवाहित लड़कियां पात्र नहीं हैं)।

ये शर्तें सुनिश्चित करती हैं कि योजना का लाभ केवल अविवाहित और पढ़ाई में रुचि रखने वाली लड़कियों तक पहुंचे।

आवेदन प्रक्रिया

मुख्यमंत्री निजुत मोइना के लिए आवेदन प्रक्रिया आसान और पारदर्शी है। छात्राएं अपने स्कूल या कॉलेज के माध्यम से आवेदन कर सकती हैं। आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होते हैं:

  1. आधार कार्ड
  2. निवास प्रमाण पत्र
  3. शैक्षणिक संस्थान से नामांकन प्रमाण
  4. बैंक खाता विवरण
  5. हलफनामा कि लड़की अविवाहित है

आवेदन जमा करने के बाद, शिक्षा विभाग द्वारा सत्यापन किया जाता है। स्वीकृति के बाद, राशि सीधे छात्रा के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। अधिक जानकारी के लिए असम सरकार की आधिकारिक वेबसाइट education.assam.gov.in पर जाकर देखा जा सकता है।

योजना का प्रभाव

मुख्यमंत्री निजुत मोइना योजना का असम में सकारात्मक प्रभाव देखा जा रहा है। शुरू होने के कुछ महीनों के भीतर ही लाखों छात्राओं ने इसके लिए आवेदन किया है, और सरकार ने पहले चरण में 10 लाख लड़कियों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से प्रभावी रही है, जहां बाल विवाह की दर अधिक थी। स्कूलों में लड़कियों का नामांकन बढ़ा है, और ड्रॉपआउट दर में कमी देखी गई है।

इसके साथ ही, यह योजना सामाजिक बदलाव का भी माध्यम बन रही है। परिवार अब अपनी बेटियों को पढ़ाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं, और लड़कियां अपने भविष्य को लेकर अधिक जागरूक हो रही हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, योजना के पहले साल में ही बाल विवाह की दर में कमी दर्ज की गई है, जो इसके प्रभाव को दर्शाता है।

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