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बिहार सरकार ने बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें से एक प्रमुख योजना है मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना (Mukhyamantri Balika Protsahan Yojana), जो लड़कियों को उनकी पढ़ाई पूरी करने के लिए प्रोत्साहित करती है। यह योजना बिहार में लैंगिक समानता और शिक्षा (Shiksha) को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जानें।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य बेटियों को 10वीं और 12वीं कक्षा पास करने के बाद प्रोत्साहन राशि देकर उनकी आगे की पढ़ाई को प्रोत्साहित करना है। Mukhyamantri Balika Protsahan Yojana का लक्ष्य बाल विवाह को रोकना और लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाना भी है। यह योजना बेटियों को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए काम करती है।
मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना को बिहार सरकार ने 2007 में शुरू किया था। यह योजना समय के साथ विकसित हुई और अब यह "मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना" के तहत एक हिस्सा बन चुकी है। बिहार में लड़कियों की शिक्षा दर को बढ़ाने और सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए यह योजना शुरू की गई थी।
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इस योजना की कुछ खास विशेषताएं हैं:
10वीं और 12वीं पास करने वाली लड़कियों को नकद राशि दी जाती है, जो उनकी आगे की पढ़ाई में मदद करती है।
शिक्षा को बढ़ावा देकर यह योजना बाल विवाह जैसी कुरीतियों को रोकने में मदद करती है।
यह योजना सभी वर्गों की लड़कियों के लिए खुली है, बशर्ते वे बिहार की निवासी हों।
योजना के तहत कई लाभ दिए जाते हैं:
ये राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है। बिहार सरकार ने इसके लिए एक पोर्टल शुरू किया है। आप यहां क्लिक करके आवेदन प्रक्रिया और पात्रता की जानकारी ले सकते हैं। आवेदन के लिए आधार कार्ड, मार्कशीट, और बैंक खाता विवरण जैसे दस्तावेज जरूरी हैं।
इस योजना का प्रभाव कई क्षेत्रों में दिखता है:
लड़कियों की शिक्षा (Shiksha) दर में वृद्धि हुई है और ड्रॉपआउट दर में कमी आई है।
बाल विवाह में कमी और बेटियों के प्रति समाज की सोच में सुधार हुआ है।
प्रोत्साहन राशि से बेटियां अपनी पढ़ाई और करियर को आगे बढ़ा सकती हैं।
योजना में शामिल होने की शर्तें:
इन शर्तों को पूरा करने वाली लड़कियां ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन कर सकती हैं।
इस योजना ने बिहार में लाखों बेटियों के जीवन को बेहतर बनाया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 50 लाख से अधिक लड़कियों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां शिक्षा तक पहुंच सीमित थी, वहां यह योजना एक वरदान साबित हुई है। इससे महिला सशक्तिकरण (Mahila Sashaktikaran) को भी बढ़ावा मिला है।
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