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बिहार सरकार ने अपने नागरिकों के लिए कृषि और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण योजना है मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना (Mukhyamantri Bagwani Mission Yojana), जो बागवानी को बढ़ावा देकर किसानों की आय और पर्यावरण (Paryavaran) की रक्षा करने के लिए शुरू की गई है। यह योजना बिहार में फल, सब्जी, फूल और औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित करती है। आइए इस योजना के उद्देश्य, विशेषताएं, लाभ और प्रभाव के बारे में विस्तार से जानें।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य बिहार में बागवानी (Bagwani) को बढ़ावा देना, किसानों की आय को दोगुना करना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। Mukhyamantri Bagwani Mission Yojana का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ बागवानी को अपनाएं और बाजार की मांग के अनुसार उत्पादन करें। इसके अलावा, यह योजना पर्यावरण संरक्षण (Paryavaran Sanrakshan) और जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी मदद करती है।
मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना को बिहार सरकार ने साल 2018 में शुरू किया था। यह योजना राष्ट्रीय बागवानी मिशन के साथ मिलकर कार्य करती है और बिहार के मुख्यमंत्री
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इस योजना की कुछ खास विशेषताएं इसे प्रभावी बनाती हैं:
किसानों को बागवानी के लिए बीज, पौधे और उपकरण खरीदने के लिए सब्सिडी दी जाती है, साथ ही मुफ्त प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।
यह योजना फल, सब्जी, मसाले, फूल और औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देती है।
कोल्ड स्टोरेज, पैकिंग यूनिट और बागवानी बाजारों का विकास भी इस योजना का हिस्सा है।
योजना के तहत कई लाभ दिए जाते हैं:
यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और पर्यावरण (Paryavaran) को संतुलित रखने में मदद करती है।
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करना होता है। बिहार सरकार के कृषि विभाग ने इसके लिए एक पोर्टल शुरू किया है। आप यहां क्लिक करके आवेदन प्रक्रिया और पात्रता की जानकारी ले सकते हैं। आवेदन के लिए आधार कार्ड, जमीन के दस्तावेज और बैंक खाता विवरण जैसे दस्तावेज जमा करने होते हैं।
मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना का प्रभाव कई क्षेत्रों में दिखता है:
बागवानी (Bagwani) से किसानों की आय में वृद्धि हुई है और खेती में विविधता आई है।
पेड़-पौधों की संख्या बढ़ने से पर्यावरण संरक्षण (Paryavaran Sanrakshan) को बढ़ावा मिला है।
बागवानी से संबंधित रोजगार और बाजारों के विकास से ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है।
योजना में शामिल होने की शर्तें:
इन शर्तों को पूरा करने वाले किसान स्थानीय कृषि कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन कर सकते हैं।
इस योजना ने बिहार के लाखों किसानों के जीवन में बदलाव लाया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 5 लाख से अधिक किसानों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। बिहार में आम, लीची, अमरूद, केला और सब्जियों की खेती में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इससे ग्रामीण विकास (Gramin Vikas) और किसानों की आय (Kisan Ki Aay) में सुधार हुआ है।
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