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गुजरात सरकार ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को स्वरोजगार (Swarozgar) के अवसर प्रदान करने के लिए "मानव गरिमा योजना" (Manav Garima Yojana) शुरू की है। यह योजना अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लोगों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई है। इसका उद्देश्य गरीब परिवारों को छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए उपकरण और वित्तीय सहायता (Vittiya Sahayta) देना है।
Manav Garima Yojana गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने में मदद करती है।
मानव गरिमा योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करना है ताकि वे अपनी आजीविका कमा सकें। यह योजना यह सुनिश्चित करती है कि आर्थिक रूप से कमजोर लोग छोटे व्यवसाय शुरू कर सकें और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।
इसके अलावा, यह योजना सामाजिक समानता (Samajik Samanta) को बढ़ावा देती है और समाज के पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने में मदद करती है। यह गुजरात के सामाजिक विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
मानव गरिमा योजना की कुछ प्रमुख विशेषताएं
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ये विशेषताएं Manav Garima Yojana को गरीबों के लिए उपयोगी बनाती हैं।
इस योजना से लोग सिलाई, नाई का काम, या अन्य छोटे व्यवसाय शुरू कर सकते हैं, जिससे उनकी आय बढ़ती है।
मुफ्त उपकरण मिलने से व्यवसाय शुरू करने की लागत कम होती है और लोग आत्मनिर्भर बनते हैं।
यह योजना समाज के कमजोर वर्गों को सम्मान और स्वतंत्रता प्रदान करती है।
मानव गरिमा योजना पूरे गुजरात में लागू है और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी है, जहां गरीबी अधिक है।
मानव गरिमा योजना का लाभ लेने के लिए:
अधिक जानकारी के लिए SJE पोर्टल देखें।
यह योजना सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित की जाती है। इसके तहत 28 प्रकार के व्यवसायों के लिए उपकरण दिए जाते हैं।
मानव गरिमा योजना गरीबों के लिए एक उपयोगी पहल है। यह योजना स्वरोजगार को बढ़ावा देती है
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