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धनवंतरी योजना (Dhanwantri Yojana) असम सरकार की एक अनूठी स्वास्थ्य योजना है, जिसे राज्य के मरीजों तक दवाइयां मुफ्त में पहुंचाने के लिए शुरू किया गया है। इस योजना का उद्घाटन असम के स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2020 में किया गया था, और इसका उद्देश्य ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराना है। धनवंतरी योजना के तहत सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों से मरीजों को उनके घर तक दवाइयां डिलीवर की जाती हैं, जिससे उन्हें बार-बार अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
असम में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच एक बड़ी चुनौती रही है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां परिवहन सुविधाएं सीमित हैं। कई मरीज दवाइयां लेने के लिए लंबी दूरी तय नहीं कर पाते, जिसके कारण उनकी बीमारी बढ़ जाती है। धनवंतरी योजना इस समस्या को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाती है, बल्कि गरीब परिवारों पर दवाइयों के खर्च का बोझ भी कम करती है। यह योजना कोविड-19 महामारी के दौरान विशेष रूप से उपयोगी साबित हुई, जब मरीजों का अस्पताल जाना मुश्किल हो गया था।
धनवंतरी योजना की कई खास विशेषताएं इसे असम के मरीजों के लिए फायदेमंद
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तीसरी विशेषता यह है कि यह योजना स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और डिलीवरी सिस्टम पर आधारित है। आशा कार्यकर्ता, एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफ), और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी मरीजों की सूची तैयार करते हैं और दवाइयों को उनके घर तक पहुंचाते हैं। इसके अलावा, योजना में कुछ मामलों में ड्रोन तकनीक का भी उपयोग किया गया है, खासकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जहां सड़कें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। सरकार ने इस योजना के लिए स्वास्थ्य विभाग के बजट से विशेष धनराशि आवंटित की है ताकि दवाइयों की आपूर्ति और डिलीवरी निर्बाध रूप से चल सके।
धनवंतरी योजना का मुख्य उद्देश्य असम के मरीजों तक स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना और दवाइयों की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करना है। यह योजना उन लोगों की मदद करती है जो गंभीर बीमारियों जैसे डायबिटीज, हाइपरटेंशन, टीबी, और कैंसर से पीड़ित हैं और नियमित दवाइयों पर निर्भर हैं। इसके साथ ही, यह योजना स्वास्थ्य केंद्रों पर भीड़ को कम करने और मरीजों के लिए सुविधा बढ़ाने की दिशा में काम करती है। सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के जरिए हर जरूरतमंद मरीज तक दवाइयां पहुंचें और उनकी सेहत में सुधार हो।
धनवंतरी योजना के कई लाभ हैं जो इसे असम के लोगों के लिए उपयोगी बनाते हैं। पहला लाभ यह है कि यह मरीजों को उनके घर पर दवाइयां उपलब्ध कराती है। इससे उन्हें अस्पताल जाने का समय और खर्च बचता है। दूसरा, यह योजना गरीब परिवारों के लिए वरदान है, क्योंकि मुफ्त दवाइयां मिलने से उनका आर्थिक बोझ कम होता है। उदाहरण के लिए, एक डायबिटीज मरीज को हर महीने दवाइयों पर सैकड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं, लेकिन इस योजना से वह मुफ्त में दवाइयां पा सकता है।
तीसरा लाभ यह है कि यह योजना स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बढ़ाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां अस्पताल दूर होते हैं, यह योजना मरीजों के लिए जीवन रक्षक साबित हुई है। इसके अलावा, Dhanwantri Yojana बीमारियों के प्रबंधन को बेहतर बनाती है, क्योंकि मरीज नियमित रूप से दवाइयां ले पाते हैं। यह योजना कोविड-19 जैसी आपात स्थितियों में भी प्रभावी रही, जब मरीजों को घर पर रहना जरूरी था।
धनवंतरी योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ पात्रता मानदंड पूरे करने जरूरी हैं। इनमें शामिल हैं:
ये शर्तें सुनिश्चित करती हैं कि योजना का लाभ उन मरीजों तक पहुंचे जिन्हें वास्तव में दवाइयों की जरूरत है।
धनवंतरी योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया बेहद सरल है। मरीजों को अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में जाकर पंजीकरण कराना होता है। आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होते हैं:
पंजीकरण के बाद, स्वास्थ्य कार्यकर्ता मरीज की जानकारी दर्ज करते हैं और दवाइयों की डिलीवरी की व्यवस्था करते हैं। कुछ क्षेत्रों में ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी शुरू की गई है। अधिक जानकारी के लिए असम स्वास्थ्य विभाग की आधिकारिक वेबसाइट nhm.assam.gov.in पर जाकर देखा जा सकता है। डिलीवरी हर महीने या जरूरत के अनुसार की जाती है।
धनवंतरी योजना का असम में सकारात्मक प्रभाव देखा गया है। शुरू होने के बाद से हजारों मरीजों ने इस योजना का लाभ उठाया है, खासकर ग्रामीण और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, योजना ने कोविड-19 के दौरान लाखों मरीजों तक दवाइयां पहुंचाईं। यह योजना विशेष रूप से बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, और पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए उपयोगी रही है।
इसके साथ ही, यह योजना स्वास्थ्य केंद्रों पर दबाव को कम करने में सफल रही है। मरीजों को अब बार-बार दवाइयां लेने के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ता। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सक्रियता बढ़ी है, और ड्रोन तकनीक का उपयोग एक नवाचार के रूप में सामने आया है। यह योजना असम के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने और मरीजों के जीवन को आसान बनाने में योगदान दे रही है।
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