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बिरसा हरित ग्राम योजना: गाँवों में हरियाली और रोजगार

बिरसा हरित ग्राम योजना: गाँवों में हरियाली और रोजगार

बिरसा हरित ग्राम योजना क्या है?

बिरसा हरित ग्राम योजना (Birsa Harit Gram Yojana) झारखंड सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जो ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और पर्यावरण संरक्षण के लिए शुरू की गई है। यह योजना 5 मई 2020 को लॉन्च की गई थी और इसका नाम आदिवासी नेता बिरसा मुंडा के सम्मान में रखा गया है। यह योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के साथ मिलकर काम करती है।

इस योजना के तहत, ग्रामीण परिवारों को फलदार पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं ताकि वे वृक्षारोपण करें और उससे आय अर्जित करें। Birsa Harit Gram Yojana का लक्ष्य 2 लाख एकड़ बंजर सरकारी जमीन पर वृक्षारोपण करना और 5 लाख परिवारों को लाभ पहुँचाना है।

योजना का उद्देश्य और महत्व

इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और पर्यावरण को संरक्षित करना है। यह योजना प्रवासी मजदूरों को रोजगार देती है जो कोविड-19 के दौरान वापस लौटे थे।

हरियाली और आजीविका

यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में "हरियाली और आजीविका" का संतुलन बनाती है। यह पर्यावरण और रोजगार दोनों को बढ़ावा देती है।

योजना की विशेषताएं

विशेषताएं:

  1. पौधे: प्रत्येक परिवार को 100 फलदार पौधे।
  2. आय: प्रति परिवार ₹50,000 सालाना संभावित आय।
  3. MGNREGA: कार्यान्वयन में सहायता।

पात्रता मानदंड

पात्रता:

  1. झारखंड का ग्रामीण निवासी।
  2. MGNREGA के तहत पंजीकृत।

आवेदन प्रक्रिया

चरण:

  1. पंचायत या

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    href="https://jharkhand.gov.in">jharkhand.gov.in
    से संपर्क करें।
  2. आधार और MGNREGA कार्ड जमा करें।
  3. पौधे प्राप्त करें।

योजना के लाभ

रोजगार, आय, और पर्यावरण संरक्षण इसके लाभ हैं।

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