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असम दर्शन योजना - पर्यटन और संस्कृति

असम दर्शन योजना - पर्यटन और संस्कृति

असम दर्शन योजना क्या है?

असम दर्शन योजना (Assam Darshan Yojana) असम सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसे राज्य के पर्यटन और सांस्कृतिक स्थलों को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है। इस योजना का उद्घाटन 2020 में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया था, और इसका उद्देश्य असम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य, और धार्मिक स्थलों को संरक्षित करना और पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाना है। योजना के तहत मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों, गुरुद्वारों, और ऐतिहासिक स्थलों के रखरखाव और विकास के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।

असम अपने चाय बागानों, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, और माजुली जैसे प्राकृतिक और सांस्कृतिक खजानों के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल रखरखाव के अभाव में उपेक्षित थे। असम दर्शन योजना इस कमी को दूर करने और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में काम करती है। यह योजना न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है, बल्कि असम की सांस्कृतिक पहचान को दुनिया के सामने लाने में भी मदद करती है। यह राज्य सरकार की उस प्रतिबद्धता का हिस्सा है जो पर्यटन को आर्थिक विकास का एक प्रमुख स्रोत बनाने की कोशिश कर रही है।

असम दर्शन योजना की विशेषताएं

असम दर्शन योजना की कई खास विशेषताएं इसे पर्यटन और संस्कृति

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के लिए उपयोगी बनाती हैं। पहली विशेषता यह है कि यह योजना धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। प्रत्येक चयनित स्थल को 10 लाख से 25 लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है, जो उनके रखरखाव, सौंदर्यीकरण, और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए उपयोग की जाती है। दूसरी बात, यह योजना पर्यटन सुविधाओं जैसे सड़क, शौचालय, पेयजल, और पार्किंग को बेहतर करने पर ध्यान देती है।

तीसरी विशेषता यह है कि यह योजना स्थानीय समुदायों को शामिल करती है। मंदिर समितियों, धार्मिक संगठनों, और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम किया जाता है ताकि परियोजनाएं प्रभावी ढंग से लागू हों। इसके अलावा, यह योजना पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रचार-प्रसार और डिजिटल मार्केटिंग पर भी जोर देती है। सरकार ने इस योजना के लिए पर्यटन विभाग और संस्कृति विभाग के सहयोग से 500 करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटित किया है, जिससे असम के सैकड़ों स्थलों को लाभ मिल सके।

योजना का उद्देश्य

असम दर्शन योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के पर्यटन और सांस्कृतिक स्थलों को संरक्षित करना और उनका विकास करना है। यह योजना असम की प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक स्थलों, और ऐतिहासिक धरोहरों को पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाना चाहती है। इसके साथ ही, यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और रोजगार के अवसर पैदा करने की दिशा में काम करती है। सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के जरिए असम को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया जाए और राज्य की सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित किया जाए।

असम दर्शन योजना के लाभ

असम दर्शन योजना के कई लाभ हैं जो इसे राज्य के लिए फायदेमंद बनाते हैं। पहला लाभ यह है कि यह पर्यटन को बढ़ावा देती है। बेहतर सुविधाओं और प्रचार के कारण देश-विदेश से पर्यटक असम की ओर आकर्षित हो रहे हैं। दूसरा, यह योजना स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देती है। पर्यटकों की संख्या बढ़ने से होटल, परिवहन, और छोटे व्यवसायों को फायदा होता है।

तीसरा लाभ यह है कि यह सांस्कृतिक स्थलों को संरक्षित करती है। पुराने मंदिरों, मस्जिदों, और ऐतिहासिक इमारतों का जीर्णोद्धार होने से उनकी सुंदरता और महत्व बरकरार रहता है। इसके अलावा, Assam Darshan Yojana स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करती है। निर्माण कार्य, गाइड की नौकरियां, और पर्यटन से जुड़े व्यवसायों से लोगों को आय मिल रही है। यह योजना असम को एक सांस्कृतिक और पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद कर रही है।

पात्रता मानदंड

असम दर्शन योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ पात्रता मानदंड पूरे करने जरूरी हैं। यह योजना स्थलों और संगठनों के लिए है, व्यक्तियों के लिए नहीं। इनमें शामिल हैं:

  1. स्थल असम में स्थित होना चाहिए।
  2. धार्मिक या ऐतिहासिक महत्व का स्थान होना चाहिए।
  3. स्थल की देखरेख के लिए कोई समिति या संगठन होना चाहिए।
  4. स्थल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की संभावना होनी चाहिए।
  5. प्रस्ताव में विकास योजना का विवरण होना चाहिए।

ये शर्तें सुनिश्चित करती हैं कि योजना का लाभ केवल योग्य और महत्वपूर्ण स्थलों तक पहुंचे।

आवेदन प्रक्रिया

असम दर्शन योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया संगठनों और समितियों के लिए बनाई गई है। धार्मिक स्थलों की समितियां या स्थानीय प्रशासन अपने जिला पर्यटन कार्यालय या संस्कृति विभाग में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होते हैं:

  1. स्थल का विवरण और महत्व
  2. समिति का पंजीकरण प्रमाण
  3. विकास योजना और बजट का प्रस्ताव
  4. फोटो और अन्य दस्तावेज
  5. बैंक खाता विवरण

आवेदन जमा करने के बाद, पर्यटन विभाग द्वारा सत्यापन और मूल्यांकन किया जाता है। स्वीकृति मिलने पर, सहायता राशि चरणबद्ध तरीके से जारी की जाती है। अधिक जानकारी के लिए असम पर्यटन विभाग की वेबसाइट tourism.assam.gov.in पर जाकर देखा जा सकता है।

योजना का प्रभाव

असम दर्शन योजना का असम में सकारात्मक प्रभाव देखा गया है। शुरू होने के बाद से सैकड़ों धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का जीर्णोद्धार और विकास हुआ है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 300 से अधिक स्थानों को सहायता दी जा चुकी है। यह योजना पर्यटकों की संख्या में वृद्धि का कारण बनी है, खासकर माजुली, कामाख्या मंदिर, और हाजो जैसे स्थानों पर।

इसके साथ ही, यह योजना स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है। पर्यटन से जुड़े व्यवसायों में तेजी आई है, और स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है। सांस्कृतिक स्थलों का संरक्षण होने से असम की पहचान और गर्व बढ़ा है। यह योजना पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने में भी योगदान दे रही है।

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